बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के सेट से एक नई बात सामने आई है। पलक तिवारी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया है कि सलमान खान के सेट पर महिलाएं ऐसे पहनावे नहीं कर सकतीं, जो उनके अनुरोध के विपरीत हों।
बॉलीवुड फिल्म उद्योग में इस तरह का पहनावा
बॉलीवुड फिल्म उद्योग में पहनावा एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। महिलाओं को एक्टिंग के दौरान सुंदर लगना चाहिए, इसलिए वे अपने पहनावे को खास ध्यान में रखती हैं। लेकिन सलमान खान के सेट पर अन्य फिल्म सेटों की तुलना में इस बात पर अधिक ध्यान रखा जाता है की अभिनेत्री ने क्या पहना है।
कुछ सूत्रों के अनुसार, सलमान खान चाहते हैं कि महिलाएं संवेदनशील और संवेदनशील ढंग से विस्तारित पहनावे नहीं करें। उन्होंने अपने सेट पर कुछ स्ट्रिक्ट नियमों को लागू किया है। इन नियमों में शामिल हैं स्कर्ट लेहंगा, बैकलेस टॉप या डिजाइनर ब्लाउज और आधी टैंक टॉप या शमिज का इस्तेमाल नहीं करना है।
सलमान खान का मानना है कि महिलाएं साधारण कपड़ो में ही अधिक सुन्दर लगती हैं और अपनी सुंदरता को जगाने के लिएसिंपल और फिटिंग वाले कपड़े पहनने चाहिए।
हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि इस नियम का एक अर्थ है कि महिलाओं के पहनावे की सीमा संख्यात नहीं होनी चाहिए और उन्हें सेट पर अपने स्वतंत्रता रखने की अनुमति देनी चाहिए।
जब भी कोई अभिनेत्री सलमान खान की फिल्म में काम करती है, उन्हें इस नियम का पालन करना होता है।
अब हम बात करेंगे कि सलमान खान के इस नियम को लेकर क्या है लोगों की राय। कुछ लोगों के अनुसार, यह नियम बहुत स्ट्रिक्ट है और यह सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया है। वे इस नियम को सेक्सिस्ट और महिलाओं के स्वतंत्रता के खिलाफ होने का दावा करते हैं।
दूसरी तरफ, कुछ लोग सलमान खान के नियम का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि इससे उन्हें सम्मान और शुभचिंतकों का प्यार मिलता है। वे कहते हैं कि यह नियम महिलाओं के लिए सुरक्षा का एक तरीका है और सेट पर उन्हें शांति का माहौल प्रदान करता है।
सलमान खान का यह नियम किसी भी तरह का जातिवाद या सेक्सिस्म को बढ़ावा नहीं देता है। इसके बजाय, यह उन्हें समझाता है कि महिलाएं खुश और सुरक्षित महसूस करने के लिए सेट पर उचित रूप से पहने गए कपड़े पहनने चाहिए।
इस तरह से, सलमान खान के इस नियम का एक सही संदेश है कि महिलाओं को उनकी स्वतंत्रता और सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए।