क्या आप जानते है, रामायण का सार ही होता है गायत्री मंत्र….

रामायण को हिंदुओं का एक बहुत ही ज्यादा पवित्र ग्रंथ माना जाता है जिसकी रचना महा ऋषि वाल्मीकि द्वारा की गई थी। वही रामायण से जुड़े ऐसे कई राज है जिसे कोई नहीं जानता कई ऐसे रोचक तथ्य हैं जिसे आम लोग आज तक नहीं जान पाए हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम रामायण से जुड़े कुछ ऐसी ही बातें आपको बताने जा रहे है।

रामायण महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है। पवित्र रामायण ग्रंथ में 24,000 श्लोक, 500 उपखंड तथा सात कांड हैं। गायत्री मंत्र मे केवल 24 अक्षर होते हैं और महर्षि वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोक हैं। रामायण के हर 1,000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र का निर्माण हुआ है। यही कारण है कि गायत्री मंत्र को पवित्र रामायण ग्रंथ का सार भी कहा जाता है।।

रावण के पुत्र मेघनाथ को यह वरदान प्राप्त था उसका वध केवल वही व्यक्ति कर सकता है जो 14 वर्ष तक ना सोया हो। वही रामायण के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि श्री रामचंद्र के छोटे भाई श्री लक्ष्मण जी सीता मैया और अपने भाई श्री राम की रक्षा करने के लिए 14 वर्ष तक नहीं सोए थे। तभी युद्ध में श्री लक्ष्मण जी ने रावण के तीन पुत्रों मेघनाद, प्रहस्‍त और अतिके का वध किया था।।

श्री राम चरित्र मानस के श्री राम जी और रावण के बीच पूरे 32 दिन तक युद्ध चला। जबकि श्री राम जी की सेना और रावण की सेना के बीच पूरे 87 दिन तक युद्ध चलता रहा। रावण ने अपनी भक्ति और तपस्या से बहुत से वरदान प्राप्त कर रखे थे। धरती पर केवल एक मनुष्य ही था जो उसका वध कर सकता था इसके अलावा वह किसी के द्वारा मृत्यु को प्राप्त नहीं हो सकता था। यही कारण है कि भगवान विष्णु को श्री रामचंद्र जी के रूप में धरती पर जन्म लेना पड़ा।

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