कोझिकोड विमान हादसे के बाद कोझिकोड विमान हादसे में 18 लोगो की मोत हो गयी, जबकि घायलो में 2 लोगो की हालत गंभीर बताई जा रही है। कई लोग ऐसे भी है जो विमान हादसे में बच तो गए। लेकिन सदमे से बाहर नहीं आ पा रहे।
बुजुर्ग इब्राहिम की बेटी और पोती खुशकिस्मत रही, की एयर इंडिया के विमान दुर्घटना में बच गए। हलाकि दोनों ही घायल है और कोझिकोड के एक हस्पताल में दाखिल है। इब्राहिम के मुताबिक उनकी बेटी के दिमाग पर हादसे की दहशत इस कदर हावी है, की उसे कुछ खास याद नहीं।
उसे बीएस इतना याद है की उसकी छोटी सी बच्ची हादसे में लगे झटके से उसकी गोद से उछल कर विमान से बाहर जा गिरी।
कोझिकोड के बेबी मेमोरियल हस्पताल में 2-11 साल के बिच के 6 बच्चो को इलाज चल रहा है।
इस विमान हादसे के तुरंत बाद वह मौजूद स्थानीय लोगो और बचाव टीम ने उन्हें हस्पताल तक पहुंचाया। हस्पताल में डॉक्टर्स ने बताया की उनको बच्चो के नाम और उनके बारे में कुछ नई पता था और नहीं उन बच्चो के पास उनके पासपोर्ट थे। वो तो वॉलेंटियर ने व्हाट्सप्प पर उनके पासपोर्ट से उनकी डिटेल्स मिलने के बाद से हम उनका डाटा कलेक्ट कर पाए।
हादसे से पहले क्या हुआ, उसकी जानकर ब्लैकबॉक्स से ही मिल सकती है। ब्लैक बॉक्स सही सलामत मिल चूका है। और उसकी जानकारी आने में थोड़ा समय लग सकता है।
CISF के पांच कर्मचारियों की पहली क्विक रिस्पांस टीम 3मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंच गयी। उसके बाद जिस तेज़ी से काम हुआ उसने इस हादसे को और बुरा होने से बच्चा लिया। CISF, पुलिस, और स्थानीय लोग तुरंत काम पर झूट गए।
CISF के Dep. कमांडेंट अशोक कुमार के फैसले ने भी अहम भूमिका निभाई। उन्होने स्थानीय लोगो के लिए भी गेट खोल दिए ताकि वो भी मदद कर पाए।
शुक्रवार रात जो हादसा हुआ उसकी वजह झाँच अभी चल रही है। इस बिच हादसे में राहत और बचाव बढ़चढ़ कर भूमिका निभाने वाले स्थानीय लोगो की हर तरफ तारीफे हो रही है।