सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का रहस्य अभी तक नहीं पता चला इसमें बहुत सारी अलग अलग लोगो बावनाये सामने आ रही है। तो ऐसे में अनुपम खेर जी ने भी अपनी छुपी तोड़ी और बताया अपने दिल की बात।
अनुपम खेर ने बोलै – में सोच रहा था की सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का किस्सा 14 जून से अभी तक कहा तक जा पहुंचा है, इतने उतर चढ़ाव के बाद। तो इस पर ना बोलना, आंख मूंदने वाली बात है। बहुत दिनों तक मेने नहीं बोला या बहुत सारे लोग नहीं बोलना चाह रहे है। उन्हें समझ नहीं आ रहा की क्या बोले। लेकिन अब जो स्थिति नज़र आ रही है, उसमे बिना किसी को दोष दिए। इतना तो हमारा फर्ज बनता है, की इसके हम एक लॉजिकल अंत तक तो लेकर ही जाये।
एक सह कलाकार होने के नाते और एक इंसान होने के नाते।वह किसी का बीटा है किसी का भाई है। सभी ने उसकी प्रशंसा की है उसने बहुत अच्छे अच्छे काम किये है। तो इस समय चुप रहना, जरूरी नहीं है की आलोचना करना है।
इसमें कौन दोषी है और कौन नहीं इसका फैसला तो जरूर होना चाहिए। इस मामले में बहुत सारी थ्योरी सामने आयी हम उनसे सहमत है या नहीं उससे फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जो भी हो रहा है, उसका एक अंत तो होना जरूरी है।
उनके माँ बाप के साथ या बहनो के साथ जो सुशांत सिंह राजपूत मृत्यु के इंसाफ की गुहार कर रहे है। उनको तो महसूस करवाना चाहिए की हम उनके साथ है।
आंख मुँदना जो है वो कायरता की निशानी है, और कायर होना अच्छी बात नहीं है।