seभारत में जब कोई अमीर घर में कोई बच्चा पैदा है तो उसे सोने के कटोरे में पैदा होने वाला कह कर ट्रोल किया जाता है। वैसे भी उन बच्चो को सब कुछ बिना मांगे ही मिल जाता है। वैसे तो ऐसे बच्चो को महंगी चीज़े, गाड़ियों का शौक रहता है। हमने अक्सर देखा है की गरीब घर के बच्चे कम उम्र में ही अपनी जिम्मेदारिया समझ जाते है। लेकिन वही कुछ करोड़पति बाप की औलाद थोड़े लापरवा होते है।
लेकिन आज हम आपको ऐसे लड़के के बारे में बताएंगे, जिसने ऐसी उदाहरण हम सब के सामने रखा है जो हमे सिर्फ हिंदी फिल्मो और किताबो में दिखाई देते है। बचपन में हम सभी खेल कूद में व्यस्त रहते है वही एक लड़का जिसका नाम दीपेश शाह और उम्र 12 है दीपेश सिर्फ अभी 7 वीं क्लास में और अभी सन्यासी बनने का फैसला बना लिया।
इस लेख में हम आपको एक हीरो के कारोबार करने वाले के बेटे के बारे में बताएंगे जिसने महज 12 साल की उम्र में अपने पापा की सभी धन दौलत त्याग कर भिक्षा मांग कर अपनी जिंदगी बिताने का फैसला किया है। इससे पहले दीपेश की बड़ी बहन ने भी 12 साल की उम्र में ही भिक्षा लेकर अपनी जिंदगी बिताने का फैसला किया।