बाल धोने को लेकर हमारे हिंदू धर्म में बहुत सारी मान्यताएं हैं। कुछ लोग इन्हें मानते हैं तो कुछ लोग इन प्रथाओं को मानने से इनकार करते हैं। लेकिन यहां हम आपको बता दें, यह मान्यताए पीढ़ियों से चलती आ रही है।
लेकिन आजकल की जनरेशन इन प्राचीन काल से चली आ रही मान्यताओं और रिवाजों को मानने से इंकार करती है। उनका मानना है कि यह सिर्फ एक भ्रम है, और इस से ज्यादा कुछ नहीं। लेकिन हम यहां आपको बता दें कि इसके पीछे शास्त्रों में कहीं ना कहीं कुछ बातें लिखी गई हैं जो महिलाओं के बाल धोने से जुड़ी हुई हैं।
हमारे प्राचीन ग्रंथों में मनुष्य की दिनचर्या से लेकर अंतिम संस्कार तक हर पल की कोई ना कोई परंपरा जुड़ी रहती है। शास्त्रों में इस बात को भी बखूबी बताया गया है कि मनुष्य को किस तरह का जीवन पूरी जिंदगी जीना चाहिए। जैसे स्नान के बाद पूजा जरूर करनी चाहिए। नहाने से पहले खाना नहीं खाना चाहिए। एकादशी को चावल नहीं बनाना चाहिए। मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को बाल नहीं कटवाना चाहिए। शनिवार को बालों में सरसों का तेल नहीं डालना चाहिए।
वहीं कुछ शास्त्रों में महिलाओं के बारे में लिखा गया है कि महिलाओं को बाल किस किस दिन धोने चाहिए। और किस-किस दिन उन्हें बाल धोने से बचना चाहिए। जिन दिनों में महिलाओं का बाल धोना वर्जित है, यदि महिलाएं उन दिनों में बाल धो लेती हैं, तो उनके पूरे परिवार पर संकट आ सकता है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। तो आइए जानते हैं कौन कौन से हैं वह दिन, जिन दिनों में महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए।
सोमवार– शास्त्रों में वर्णित है कि यदि इस दिन कोई महिला बाल धोती है, तो उसकी बेटी पर संकट आता है। सोमवार को घर में पोछा भी नहीं लगाना चाहिए। और ना जाले साफ करने चाहिए। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके घर की उन्नति नहीं होती।
बुधवार– बुधवार को बाल धोने से महिला के भाई पर संकट आता है, इसलिए इस दिन बाल धोने से बचना चाहिए, क्योंकि महिलाओं के द्वारा ऐसा करना भाई को आफत में डाल सकता है।
गुरुवार– शास्त्रों में लिखा है कि जो महिलाएं गुरुवार को बाल धोती हैं, उनके पति की उम्र कम हो जाती है। इस दिन बाल धोने से पति पर परेशानियां आ सकती हैं।