करोना काल के दौर में 30 अप्रैल को ऋषि कपूर की मौ’त ने सभी को स्तब्ध कर दिया था। इस समय उनकी उम्र 67 वर्ष की थी। ऋषि कपूर कुछ समय से कैंसर की लड़ाई लड़ रहे थे। और 30 अप्रैल को वह कैंसर से लड़ाई में हार गए। अभिनेता ऋषि कपूर उर्फ चिंटू का जिस समय नि’धन हुआ उस समय उनकी आयु 67 वर्ष की थी।
30 अप्रैल को उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऋषि कपूर एक जिंदादिल अभिनेता थे और उन्होंने अपने अभिनय से करोड़ों दिल पर राज किया। लेकिन उनके अंतिम समय में उनकी लाडली बेटी रिद्धिमा उनके पास नहीं थी। जबकि उनकी पत्नी नीतू सिंह और बेटे रणबीर कपूर उनके पास ही थे।
गौरतलब है कि जिस समय ऋषि कपूर की मृत्यु हुई, उस समय करोना का दौर चल रहा था इसलिए पूरे देश में लॉकडाउन था। जिसके कारण रिद्धिमा को अपने ससुराल दिल्ली से मुंबई आने का अवसर नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से उन्होंने अपने पिता के अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार एक वीडियोग्राफी के जरिए देखा। यह देख कर रिद्धिमा की आंखें गीली हो गई थी और मन में मलाल था कि वह अंतिम समय में अपने पिता के पास क्यों नहीं पहुंच सकी?
दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर ने एक बार ‘जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ के मंच से कहा था कि अपने 25 साल के करियर में उन्होंने केवल जर्सी पहनकर स्विट्जरलैंड में फिल्मों में हीरोइनों के साथ गाने गाए। एक्टिंग तो मैं अब कर रहा हूं। उन्होंने कहा था कि मुझे मालिक का शुक्रगुजार होना चाहिए कि मैं उस दौर में हूं, जिस दौर में मेरा बेटा भी काम कर रहा है। पहले जो 25 साल चला, वह सब आप को बेवकूफ बनाना था।